Bata India ने अपनी दूसरी तिमाही के परिणामों की घोषणा की है, जिसमें कंपनी के मुनाफे में 52% की बढ़ोतरी हुई है। कंपनी का मुनाफा 51.97 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 33.99 करोड़ रुपये था।
कंपनी की कुल आय 837.14 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.2% अधिक है। हालांकि, कुल खर्च 784.55 करोड़ रुपये रहा, जो कि 5% की वृद्धि दर्शाता है।
Bata India के प्रबंधन ने कहा है कि वे आने वाली तिमाहियों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं। इसके अलावा, कंपनी के शेयरों में भी हल्की गिरावट देखी गई, जो कि 1.47% कम होकर 1,336.90 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए।
यह परिणाम बाटा इंडिया के लिए सकारात्मक संकेत हैं, जो कंपनी की स्थिरता और विकास को दर्शाते हैं।
प्रारंभिक इतिहास
बाटा की स्थापना 24 अगस्त 1894 को टॉमस बाटा द्वारा की गई थी। उन्होंने अपने भाई और बहन के साथ मिलकर इस कंपनी की शुरुआत की। प्रारंभ में, टॉमस ने कच्चे माल की कमी के कारण कैनवास से जूते बनाने का निर्णय लिया, जो कि सस्ते और हल्के थे। इसने स्थानीय लोगों के बीच लोकप्रियता हासिल की और कंपनी ने तेजी से विकास किया।
भारत में प्रवेश
1931 में, बाटा ने भारत में अपने संचालन की शुरुआत की और 1932 में कोलकाता के पास एक उत्पादन इकाई स्थापित की। इस समय भारतीय जूता बाजार जापानी आयातों द्वारा नियंत्रित था। लेकिन बाटा के आने से स्थिति बदल गई। दो साल के भीतर, बाटा जूतों की मांग इतनी बढ़ गई कि उत्पादन इकाई का आकार दोगुना करना पड़ा, जिससे एक नया नगर विकसित हुआ, जिसे बाटानगर कहा गया।
विकास और विस्तार
1939 तक, कंपनी हर सप्ताह 3,500 जोड़े जूते बेचने लगी थी और इसके लगभग 4,000 कर्मचारी थे। 1973 में, बाटा इंडिया ने सार्वजनिक रूप से व्यापार करना शुरू किया और यह भारत के जूता उद्योग में एक प्रमुख नाम बन गया।
1980 के दशक में, जब बाटा को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा, तो उसने विज्ञापनों के माध्यम से अपनी स्थिति मजबूत की। इसके साथ ही, कंपनी ने भारतीय उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं के अनुसार जूतों का डिज़ाइन करना शुरू किया।
वर्तमान स्थिति
आज, बाटा इंडिया विश्व स्तर पर एक प्रमुख फुटवियर ब्रांड है और यह 90 देशों में 5,000 से अधिक स्टोर संचालित करता है। कंपनी का मुख्यालय स्विट्जरलैंड में है, लेकिन इसका भारतीय बाजार में गहरा संबंध बना हुआ है।
बाटा ने हमेशा गुणवत्ता और सस्ती कीमतों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिससे यह भारतीय उपभोक्ताओं के बीच एक विश्वसनीय नाम बन गया है। आज भी, बाटा जूते स्कूल के दिनों से लेकर कार्यस्थल तक भारतीयों के जीवन का अभिन्न हिस्सा बने हुए हैं।
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